[ गलत बयानी ]
* शादी से कुछ हासिल नहीं होता | बस यह होता है कि नारी तन - मन का थोड़ा निकट से ज्ञान हो जाता है |
* दूध सचमुच मांसाहार है | इसे बिल्ली उसी चाव से पीती है , जिस चाव से वह चूहे खाती है |
* ब्राह्मण है तो वह वैसा होगा ही , यह जातिवाद की शुरुआत है | और आंबेडकर ही एकमात्र विचारक और नेता थे , यह जातिवाद का अंत |
* मार्क्स न होते तो मार्क्सवादी विचारक , बेचारे दो कौड़ी के होते |
* मैं सोच रहा हूँ कि मुझे किसी को डराना नहीं चाहिए , उलझाना भी नहीं चाहिए | ऐसी शब्दावली नहीं लिखनी चाहिए , जो उन्हें समझ में न आये |
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