रविवार, 18 नवंबर 2012

ये पारसी लोग


[ अंतरजातीय ]
चाहता तो मैं भी हूँ कि मेरे पुत्र / पुत्रियों का विवाह टाटा ग्रुप के परिवारों में हो जाय ! लेकिन  ये पारसी लोग इतने कठोर हैं कि जाति बाहर न करते हैं न करने देते हैं |मज़ा यह कि इन्हें कोई जातिवादी नहीं कहता , जब कि हालत यह है कि इनके इस रूढ़िता के कारण इनकी जनसंख्या कम होती जा रही है | उधर ब्राह्मण को सब एक सुर गली देते हैं , सह ब्राह्मण भी | जबकि ब्राह्मण तो कम से कम अपने गोत्र में तो विवाह नहीं ही करता | गैर जातिवादी न सही पर गैर गोत्र वादी तो वह है ही |


[ रूपक ]
मेरा मधुमेह दीवाली भर मुझे छोड़कर इधर - उधर घूमता रहा नालायक , आवारा | अब खूब मिठाइयाँ खाकर घर लौटा है तो मुझसे कहता है - परहेज़ करो
[ सच्चाई यह है कि मुझे डायबिटीज़ नहीं है ]

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