चूँकि मैं खुद मूलतः पत्र लेखक ही रहा हूँ , इसलिए " उपदेसक " वाली बात हूबहू मैं चंचल जी जैसी के विक्रम राव जी के "PEN IS MY SWORD " पुस्तक के विमोचन के अवसर पर गत नौ तारिख को प्रेस क्लब में उठाना चाहता था | आमंत्रित भी था पर वक्ताओं की बहुलता के कारण बात नहीं कर सका | तथापि यह मुद्दा बहुत जायज़ है | 11/11/12
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