रविवार, 11 नवंबर 2012

मनुष्य हूँ मैं


* लिखता तो हूँ
कह नहीं सकता
अच्छा या बुरा |

* मैं हँसता हूँ
गाता हूँ, रोता भी हूँ
मनुष्य हूँ मैं |

* कविताओं में
वज़न नहीं रहा
क्या अब दोस्त ?

* अब , जब कि
लिखना छोड़ दिया
वह लिखाता |

* जी हाँ ! बेशक
देखता हूँ मैं उन्हें
वे भी तो मुझे !

* ध्यान अपने
लक्ष्य , उद्देश्य पर
सदा रखिये |

* नहीं जी नहीं
मैं बूढ़ा नहीं हुआ
जवान हूँ मैं |

* अब ले चलो
आजिज़ आ गया हूँ
तेरे जहाँ से |

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