उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
बुधवार, 7 नवंबर 2012
कह्कुले
कह्कुले
छोटी छोटी उक्तियाँ | कुछ गंभीर चिंतनपरक , कुछ हास्यपुट , कुछ व्यंग्ययुक्त , कुछ बदमाशियाँ, या कुछ शब्दों के जोड़ के साथ खिलवाड़ | सार्थक अथवा निरर्थक , उन्हें कह देना , व्यक्त कर देना |
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