[ पुलिस की ताक़त ]
पुलिस हमारी सामूहिक शारीरिक शक्ति का द्योतक है | तो हम चाहते हैं कि वह अपनी शक्ति से हमारी सशक्त रक्षा और सहायता करे | अतः वह इतनी शक्तिशाली हो, और उस शक्ति का प्रयोग - प्रदर्शन भी करे कि छेड़कारी या चोर उचक्के को पकड़ कर धुन सके | और वह एक और काम करे | यदि कोई कथित गुंडा - नेता उसे ' जूतों ' से पिटाई कि धमकी दे या हाथापाई करे तो वह उसे वहीँ फ़ौरन दो - चार हाथ धमक दे | यह जनाकांक्षा है कि उसकी पुलिस इतनी तो ताक़तवर हो !
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