* मैं मरा नहीं
सब तो नाटक था
जो मैंने किया !
* क्यों प्यार करें ?
आखिर कारण क्या
जो प्यार करें ?
* प्यार न बांधो
एकनिष्ठ न बनो
साम्यवादी हो |
* बड़े शौक से
सुना रहे थे वह
फिर सो गए |
* इतना टेढ़ा
संपत्ति का मामला
तो होता ही है !
* थोड़ा तो ठीक
पर ज्यादा विद्रोह
कलह पूर्ण |
* अपनी जान
बचे तो जानूँ कोई
भगवान् है |
* भर गयी है
कितनी बेचारगी
कितना कहूँ ?
* विवादग्रस्त
राम जन्म भूमिश्च
किं स्वर्गादपि ?
* अभी - अभी था
मर गया आदमी
अभी अभी तो !
* सारी कहानी
कहने की बात है
सुनने की है |
* कला फिर भी
थियेटर , नाटक
फिल्म निर्माण !
* मुझसे कोई
गलती नहीं हुई
हुई सो हुई |
* समझौता तो
किया तुमसे दुनिया
ज़िन्दगी भर !
* देख चुकेंगे
सबका सारा छद्म
तब लौटेंगे |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें