गलत बयानी =
* मैं उस आदमी को महत्व नहीं देता जो स्वयं को महत्व नहीं देता |
* मैं प्रथम दृष्टि के प्यार का कायल नहीं हूँ | कम से कम दो बार देखना चाहिए |
* सामंत नहीं रहेंगे तो निठल्ले विचारकों कवियों , लेखकों और संतों के पेट कौन भरेगा ?
* सामंतवाद जाकर भी क्या करेगा ? उसके बाद तो पूँजीवाद आ जायेगा ? वही मेरे लिए कहाँ शुभ होगा ?
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