* यह दीवाली
कितने तो दिलों को
उदासी देती |
* श्वाँस छोड़ दो
बाहर जाने भी दो
फिर आएगी |
* हमारे पास
अब सिर्फ भूलना
बस काम है |
* लेना न कुछ
बस देखना भर
भरा बाज़ार |
* दिन बीतता
रात नहीं बीतती
जागे कटती |
* कुछ जागते
कुछ सोते हुए भी
ज़िन्दगी कटी |
* दिखता हूँ मैं
पागलों की तरह
पागल नहीं |
* पाखण्ड है जी
पाखण्ड ही पाखण्ड
सारा पाखण्ड |
* जीवन धन
सर्वहारा पन को
दूर करता |
* साधू संत को
चाहिए ही चाहिए
कम बोलना |
* शादी के बाद
या शादी के पहले
ग़म खाइए |
* यह बेचारा
समझ का मारा है
मूर्ख युग में |
* कोई विचार
नहीं हैं मेरे पास
कुछ काम हैं |
* स्वस्थ रहेंगे
नींद आती रहेगी
जब तलक |
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