गुरुवार, 15 नवंबर 2012

चरित्र


[ क्षण - कविता ]
* चरित्र !
हाँ , एक अच्छी चीज़ है
यदि , इससे मुक्त हो जाएँ |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें