उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मंगलवार, 13 नवंबर 2012
एक दिया
* इस दिवाली , अभी एक कवितानुमा याद आई | जब अम्मा कहती - एक दिया घारी [ पशुओं के रहने का स्थान ] में रख आओ | जब दादी बोलतीं - एक दिया घूरे [ गोबर इकठ्ठा रखने का स्थान ] पर रख आओ |
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