उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
रविवार, 11 नवंबर 2012
घूस कहाँ चलता है
[ कथा वस्तु ]
* उसे किसी को किसी काम के फलस्वरूप किसी को घूस देना था |
साथी ने कहा - अब घूस कहाँ चलता है ? भ्रष्टाचार समाप्त हो गया |
- - तो फिर ?
- अगले महीने उसकी लडकी की शादी है | उसी में दे देना |
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