रविवार, 18 नवंबर 2012

इतना लिखा


* कोई कहता
इतनी अच्छी मौत
कोई थूकता |

* हम अकेले
ही नहीं सन्मार्ग में
तमाम लोग |

* देना अभी तू
एक जीवन और
देना मुझे तू ,
काम जो कुछ
कर न पाया पूर्ण
पूरा करूँ मैं |

* मैं व्यक्ति नहीं
व्यक्तित्व हूँ पर्याप्त
एक ठो लोग |

* कोई मेरा है
न कोई मेरा घर
न कोई प्यार |

* पुरुष साला
पूरा कुत्ता है कुत्ता
बात न कर |

* चिन्तक कहाँ
हिन्दुस्तान में
न कोई ज़िम्मेदारी
न ही जवाबदेही
लन्तरानियाँ
बस हाँकते |

* हँस करके
ताल दिया बात को
आगे के लिए |

* इतना लिखा
कितना कोई छापे
और क्यों छापे ?

* कुछ तो है जो
मानव जीवन में
गोपनीय है |

* प्यार या प्यार
प्यार , प्यार ही प्यार
जग आधार |

* चट्टे बट्टे हैं
नर नारी दोनों ही
एक थाली के |


* मेरे अन्दर
एक कुत्ता बैठा है
एक कुतिया |

* कभी कभी मैं
टिप्पणी करता हूँ
बेमतलब |

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