उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
सोमवार, 26 नवंबर 2012
जन प्रतिनिधियों को गालियाँ
कोई आज की बात नहीं है | यह अन्ना -अरविन्द की कोई एक दिन की उपलब्धि नहीं है | आपने देखा होगा इनके आन्दोलनों के बहुत पहले ही जनता किस तरह सार्वजनिक स्थलों पर जन प्रतिनिधियों को गालियाँ देती रही है !
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