उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मंगलवार, 20 नवंबर 2012
दिमाग के बारे में
[ कविता ]
* कमरा , मेज़ , रैक वगैरह
जितना ही खाली रखो , वह
उतना ही सुंदर लगता है ,
सुकून आता है , सुना है -
लक्ष्मी भी आती हैं |
मेरे ख्याल से -
दिमाग के बारे में भी
यही सच है |
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