* ज़िन्दगी जियो
नमाज़ की तरह
पूजा की भाँति |
* क्या ज़रूरी है
बड़ा लेखक होना
छोटा ही काफी |
* कितने आये
अधर्म मिटाने को
कितने गए !
* जीने की ज़िद
बनाएगी नैतिक
नर नारी को |
* दुस्साध्य होता
बराबरी का रिश्ता
उसे निभाना |
* पैसे की तंगी
कुछ भी करा देती
जो न करा दे !
* अब मुझसे
यह गलती हुई
कि सच बोला |
* अकेले हो [4]
अकेले रहो [5]
अकेले रहोगे [6]
[प्रयोग]
* कमाई ही तो
बढ़ाती मँहगाई
दो नम्बर की !
* सब चोर हैं
यह मान लेना भी
भ्रान्ति पूर्ण है |
* सामान रहे
सम्मान रहे न रहे
जग की रीति |
* जिसको चाहा
आभासी पन्नों पर
मित्र बनाया |
* कौन किसी की ,
, मेवा मिले न मिले ,
सेवा करता ?
* स्वीकार भाव
बहुत बड़ी बात
महान गुण |
* न दस्त आया
न पेचिश पड़ी है
सुहानी घड़ी |
* बिना प्रयास
मुकम्मल आदमी
मैं होता गया |
* सबसे अच्छे ,
, जो लोग झगड़ते ,
दोस्त होते हैं |
* कितनी चिंता
तन - मन - धन की
आखिर करें ?
* तो बताइए ,
अकेले क्या करते
एकलव्य जी ?
* कोई भी पाप
छोड़ना न चाहिए
करना शेष |
* विश्वसनीय
हूँ, पर किसी पर
विशवास नहीं |
* किसने देखा
अकेले में प्रार्थना !
रोड शो जारी |
* सरदार जी ,
खासियत है , वे हैं -
चुटकुलों में |
* मैं खुद बना
, समाज ने बनाया ,
मेरे बच्चों को |
* एक ज़िन्दगी
बस उनकी याद में
गुजारूँगा मैं |
* एक ज़िन्दगी
उनकी याद में ही
गुज़र गयी |
* अननुभूत
अब चिर थकान
सो जा मसान |
* चुप रहना
साधक के लक्षण
कम बोलना |
* कहना और ,
हे जातक मनुष्य !
करना और |
* सरल तो हूँ
पर इतना नहीं
कि कुत्ते चूमें |
* साले हरामजादे
[यह सात अक्षर हो गया ,
इसके पहले पाँच,
इसके बाद में पाँच अक्षर
लगा कर हाइकु बनाया
जा सकता है ]
इसी प्रकार " कोई उम्मीद नहीं "
भी सात अक्षरों का है | क्या
गजल- गीतों की तरह हाइकु
में भी ' समस्या पूर्ति ' की प्रथा
शुरू की जा सकती है ?
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