HAIKU POEMS
* क्या दिक्कत है
मिट्टी मिला देने में
किसी मिट्टी में ?
* कुछ चेतना
कुछ अवचेतना
चलाती मुझे
नवचेतना !
* दो भाइयों में
इतना टकराव
अच्छा तो नहीं !
* क्यों नहीं पूजें
मिट्टी , पत्थर , लोहा
मातृभूमि का ?
* मँहगाई हो
तो परेशानी , मंदी
हो तो संकट !
* कभी तो पीठ
ने कुछ मार झेले
तो कभी पेट |
* ढूँढते भिन्नता
नर और नारी में
अनावश्यक |
* सिर खपाना
अन्याय के विरुद्ध
खून जलाना |
* कविता लिखें
या आन्दोलन करें
एक ही बात |
* दकियानूस
नए को भी पुराना
मानता हूँ मैं |
* नजदीकियाँ
पता ही नहीं चलीं
कोई दूरियाँ |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें