गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

Live in Rome as Romans live

गावों के खिलाफ भी एक ज़बरदस्त मुहिम चल रही है | आंबेडकर का इस विषय पर विचार वचन आग में घी का काम कर रहा है | कि गाँव को नष्ट हो जाना चाहिए | गाँव का मजदूर शहर आता है तो वह अपने साथ अपना गाँव भी ले आता है , हरछठ पूजा कि तरह | फिर कैसे नष्ट होंगे गाँव , जिनमे भारत बसता है ? यदि गाँव की सामंतवादी , जातिवादी , ब्राह्मनवादी व्यवस्था के परिप्रेक्ष में देखा जाय तो इससे तो पूरा भारत ही ग्रस्त है , क्या शहर क्या गाँव | फिर तो आंबेडकर वादियों  को पूरा भारत देश ही नष्ट करने का बीड़ा उठाना पड़ेगा | अन्यथा तो उपाय यह है कि लिव इन रोम एज रोमन्स लिव |     

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