शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

प्रगतिशील कायस्थ

मैंने कहा था , फिर कह रहा हूँ अपने प्रगतिशील कायस्थ मित्रों से अनुरोध स्वरुप कि कृपया अपने जीवन यात्रा से समूह को परिचित कराएँ और अपनी उपलब्धियों के साथ साथ कुछ ऐसे भाव - विचार दर्शन का उल्लेख करें जिन्होंने उन्हें इस स्थान पर पहुँचाया | कुछ ऐसे कर्म का विवरण दें जिससे एनी सदस्य प्रेरणा लें और आगे बढ़कर अपने जीवन ऊंचा उठायें | सबको अपना साथ सान्निध्य और निकटता दें | वरिष्ठ जन यह भी बताएं कि वर्तमान समय में इस समुदाय की युवा पीढ़ी को क्या करना चाहिए जिसे वे सफल हों और विचलन , फिसलन और विभ्रम से बचें | हम सचेत हैं कि हमारे साथी जातिवादी नहीं हैं , हम ऐसी अपेक्षा भी नहीं करते | न हम स्वयं जातिवादी हैं | पर जब जातियों का अस्तित्व है , और वह मिट नहीं रहा है तो एक जाति के छोटे से समूह में काम करने और उनका हित करने में क्या हर्ज़ है ? हम कोई जातीय राजनीति तो कर नहीं रहे हैं ? हम तो एक समूह को उत्कृष्ट की और ले जाने के लिए कह रहे हैं , भरसक | और यह तो है ही कि जीना यहाँ , मरना यहाँ |  

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