* कहना चाहूँ
ईद मुबारक़ भी
शुभ दिवाली !
* अब तैयारी
छोटे युद्ध की नहीं
महाकूच की ।
* मुझसे मिले
वे बड़े होते गए
मैं झुक गया ।
* बैंक बैलेन्स
कोई लूट न ले ,
शून्य रखता ।
* आसन होता
खिलाफत करना
निभाना नहीं ।
* असर नहीं
कोई नाराज़ हुआ
कोई हो खुश ।
* दलित जन
अपनी सोच में तो
बेईमान हैं ।
ईद मुबारक़ भी
शुभ दिवाली !
* अब तैयारी
छोटे युद्ध की नहीं
महाकूच की ।
* मुझसे मिले
वे बड़े होते गए
मैं झुक गया ।
* बैंक बैलेन्स
कोई लूट न ले ,
शून्य रखता ।
* आसन होता
खिलाफत करना
निभाना नहीं ।
* असर नहीं
कोई नाराज़ हुआ
कोई हो खुश ।
* दलित जन
अपनी सोच में तो
बेईमान हैं ।
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