मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

खुशवंत सिंह , हिंदुस्तान , १३ अक्टूबर 2012


इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधान मंत्री क्लेमेंट एटली ने १९४७ में हिन्दुस्तानी आज़ादी का बिल ब्रिटिश पार्लियामेंट में रखा. उस पर वहां जम कर बहस हुई . तब दूसरे विश्व युद्ध के वक्त इंग्लैंड के प्रधान मंत्री रहे सर विंस्टन चर्चिल ने गुस्से में कहा था,"गुंडे मवालियों और मुफ्तखोरों के हाथों में सत्ता चली जायेगी.
तमाम हिन्दुस्तानी नेता छोटे कद के होंगे और तिनके जैसा वज़न होगा. उनकी जुबान मीठी लेकिन दिल मूर्खों जैसा होगा. ये लोग सत्ता के लिए आपस में लड़ते रहेंगे. और हिंदुस्तान इस लडाई में ख़त्म हो जायेगा. एक बोतल पानी और ब्रेड का टुकड़ा भी टैक्स से नहीं बच पायेगा. और इन लाखों भूखे लोगों का खून एटली के मत्थे मढ़ा जायेगा."
हमारा देश अस्च्मुच कमल का है. हमने सचमुच बहुत मेहनत की है. और चर्चिल को सही साबित कर दिखाया है.
खुशवंत सिंह , हिंदुस्तान , १३ अक्टूबर 2012

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