* ब्राह्मणों से बदला लेने की एक पद्धति मेरे दिमाग में आई है | वह यह कि समृद्ध समर्थ दलित जन केवल ब्राह्मणों के हाथ का बना खाना कहने का संकल्प ले लें | इस प्रकार वे ब्राह्मणों को खानसामे की हैसियत में लाकर खड़ा कर देंगे , जिससे वे अपमानित होने को विवश होंगे | ब्राह्मणों का दंभ भी टूटेगा और दलितों का अहम् भी संतुष्ट होगा | [ बदमाश चिंतन ]
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