जो व्यक्ति जातिसूचक उपनाम नहीं लगाता , वह संदेह के घेरे में है ।
[ आरक्षण के इस युग में अपनी जाति छिपाना बेईमानी हो जायगी | आपकी निष्ठां कितनी ही प्रबल हो , लोग तो संदेह कर ही सकते हैं ? तो उसका निवारण क्यों न कर दिया जाय ? ]
[ आरक्षण के इस युग में अपनी जाति छिपाना बेईमानी हो जायगी | आपकी निष्ठां कितनी ही प्रबल हो , लोग तो संदेह कर ही सकते हैं ? तो उसका निवारण क्यों न कर दिया जाय ? ]
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