उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
शनिवार, 20 अक्टूबर 2012
साईकिल से उतरती नहीं हैं लडकियाँ
कविता [ अच्छी है ]
* साईकिल से
उतरती नहीं हैं लडकियाँ
रुकना होता है तो
शरीर थोड़ा आगे बढ़ाती हैं
और जमीन पर
पैर टेक देती हैं लडकियाँ ,
अपनी ज़मीन , अपनी मिट्टी ,
अपनी धरती पर
पैर जमा रही हैं लडकियाँ |
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