शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

भाषा का अभिजात्य


भाषा का अभिजात्य : -
मैं इस प्रश्न में उलझा हूँ | क्या भाषा भी अभिजात बनाने में सहायक होती है | अंग्रेजी की आलोचना तो यही कहकर की जाती है | अपनी देसी भाषा हिंदी या अन्य कोई भी , के सापेक्ष यदि अंग्रेजी का प्रभाव देखें , तब तो यही कहना पड़ेगा | लेकिन अनुभव तो कुछ और भी इशारे करते हैं | भोजपुरी , अवधी , सामान्य भाषा बोलकर भी ज़मींदार बड़े आराम से सामंत बना होता था और बराबर शोषण और अत्याचार करता था , भले उसे अंग्रेजी बिलकुल न आती हो , या न बोलता हो | भाषा का उसके जलवे से कोई सम्बन्ध नहीं होता था | वह गालियाँ अंग्रेजी में तो नहीं देता रहा होगा ?  

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