[ व्यक्तिगत ]
करप्शन के खिलाफ बड़ा आन्दोलन चल रहा है , लेकिन मेरे लैपटॉप का विन्डोज़ ' करप्ट ' हो गया उसकी चिंता किसी को नहीं है , न कोई उसे रोक पाया | कैसे मिटेगा भ्रष्टाचार ? अब मैं गाँव जा रह हूँ , कैसे बातें हो पाएंगी मित्रो से ? वे मेरे बिना कैसे रह पाएंगे ? यह दुनिया कैसे चल पायेगी मेरे निर्देश के बगैर ? और तो और , अब तो उसका ' हार्ड डिस्क ' ही ख़राब हो गया | ' निष्ठुर ' नहीं रह गया | कहें कि चलो अच्छा ही हुआ ? तो मित्रो , अलविदा | अब संपर्क तभी बनेगा जब लखनऊ आऊंगा , रहूँगा | अब मैं आपका प्रेम -संपर्क अपनी 'गोद' में लेकर फिर नहीं सकूँगा |
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