* मैंने क्या किया
कुछ हाइकु लिखे
और क्या किया ?
* बेतुका सही
ऐसा ही लिखूँगा मैं
अपनी मर्ज़ी |
* कहीं न कहीं
खटकती है बात
धर्मों की बात |
* गनीमत है
मैं जानवर नहीं
आदमी हुआ |
* हर आदमी
किसी से बड़ा होगा
किसी से छोटा |
* हर जन को
सीमा में रहना है
सबकी सीमा |
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