उर्दू के महान आधुनिक कवि नासिर काज़मी ८ दिसंबर १९२५ को पैदा हुए थे \ २३ मार्च १९७२ को पकिस्तान टी वी के लिए कहानीकार इंतज़ार हुसैन ने उनके इंटरव्यू लिया था | हिन्दुस्तान २/१२/२०१२ में प्रकाशित यह आलेख सम्पूर्ण पठनीय है |
उनका कहना है कि POETRY IS A FULL TIME JOB | आप बताइए , कभी मीर ने , ग़ालिब ने कोई काम किया शाइरी के अलावा ? अल्लामा इकबाल , डी.एच. लारेंस ,लोर्का , कालीदास , मीरा बाई , बुल्लेशाह , स्ल्तान बाहु ने कभी कुछ किया ?
बहार हाल उनकी एक ग़ज़ल जो हम सबकी सुनी सुनी लगती है :-
* दिल में और तो क्या रक्खा है
तेरा दर्द छुपा रक्खा है |
इतने दुखों की तेज़ हवा में
दिल का दीप जला रक्खा है |
धूप से चेहरों ने दुनिया में
क्या अंधेर मचा रक्खा है |
इस नगरी के कुछ लोगों ने
दुःख का नाम दवा रक्खा है |
वाद - ए - यार की बात न छेड़ो
ये धोखा भी खा रक्खा है |
भूल भी जाओ बीती बातें
इन बातों में क्या रक्खा है |
चुप चुप क्यों रहते हो 'नासिर'
ये क्या रोग लगा रक्खा है |
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