* मन भटका
फिर मन भटका
वापस आ रे !
* कविता लिखी
कविता का शीर्षक
न सोच पाया |
* वह मुझसे
कहीं दूर नहीं है
यह देखो न !
* रूह वाले हैं
रूहानी ताकतें हैं
हमारे पास |
* छिन न जाए
पत्नी कि गद्दी , इसी
में फिक्रमंद |
* मैं जानता था
सफलता का मन्त्र
श्रम करना |
* [ स्थानापन्न ]
रिश्तेदारियाँ
पुरानी हटती हैं
नई आती हैं |
* [ अहं थिंकामि ]
मैं सोचता हूँ
मूक होंहि वाचाल
तो क्या बोलते !
* दृढ़ व्यक्तित्व
नहीं होता जिसका
ही ही करते |
* देखें तो जब
देखने लायक हो
देखना क्या है ?
* औरतें होतीं
औरत स्वाभाव की
क्या कीजियेगा ?
* खाली नहीं है
खतरे से , विधर्मी
बातें करना |
* जोश में होश
खो देती नई पीढ़ी
जो ठीक नहीं |
* हँसी मजाक
कभी कभी घातक
अकरणीय |
* सारा कमाल
ब्यूटी पार्लर का है
आप का क्या है ?
* ब्यूटी पार्लर
कमाल करते हैं
रंकी को रानी |
* [ साहित्य तो हो ]
उठाता तो है
साहित्य आदमी को
जो आदमी हो !
* सब उधार
अभी बाक़ी है देना
जीवन अंत |
* जाओ सो जाओ
शादी हो गयी हो तो
अन्यथा जागो |
* क़त्ल कीजिये
कह दीजिये - ' सॉरी '
बात समाप्त !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें