गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

तिल का ताड़



* घर तो बहुतेरे हैं , पर उनमें वह रहता नहीं है ;
कभी वह घर में हो , तो सोचता हूँ मिल आऊँ |
[ ईश्वर ]

* तिल का ताड़ बना दे कोई ,
इतना प्यार जता दे कोई |

* मैं सोचता हूँ किन्तु गलत सोचता हूँ मैं ;
तुम ठीक सोचते हो मगर सोचते नहीं |

* आपने मुझसे मेरा नाम पता पूछा है ?
अभी मैं डायरी से देख कर बताता हूँ ।

* शादी भले न करें , पर शादी जैसा कुछ तो ज़रूर करना चाहिए आदमियों और औरतों को |
[ यह शादी करने वाले तय करेंगें | हर बात में मेरी तानाशाही नहीं चलेगी | बस कुछ करना चाहिए , मैंने ख्याल दे दिया , यह क्या कम है ? मैं बता दूंगा तो वे बिना मुझे भी बताये भाग लेंगे और मेरी दावत मारी जायगी | ]

* यह भला लाबीइंग होती क्या है | वही तो नहीं जो साहित्यकार लोग पद या पुरस्कार पाने के लिए पहुँच वाले लोगों से समर्थन जुटाने के लिए करते हैं ?

* जनम से नहीं अकल से भी दलित बनो तो मानें ! आसान काम करके पर्वतारोहण का पुरस्कार जीतना चाहते हो ?


[ बाल गीत ] - बन सकता है ]
* अगड़म बगड़म सारी चीज़ें ,
कुछ उपयोगी न्यारी चीज़ें ;
लेकर आये बन्दर मामा
बच्चों की सब प्यारी चीज़ें |
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