शनिवार, 1 दिसंबर 2012

औरत कर लीजिये


[ उवाच ]
१ - अगर आप को कहीं ' बिल्कुल समय ' से पहुंचना हो , तो अपने साथ एक औरत कर लीजिये |

२ - लड़ाई लड़ना दलित क्या जानें ? देखिएगा , उनकी लड़ाई उनसे ऊपर वाले लड़ेंगे | वही लड़ ही रहे हैं |

३ - बाराती लोग यह काम अच्छा कर रहे हैं | कुछ पेशेवर नर्तक - नर्तकियों को बाराती बनाकर नाचने के लिए ले जाते हैं |

४ - जीभ मुलायम होता है इसलिए टूट कर नहीं गिरता दाँतों की तरह | कड़े नाखूनों को पानी से भिगो - मुलायम करके कटर से उड़ा दिया जाता है |

५ - वीसा अग्रवाल शायद उन्हें कहा जाता है जिन्हें विदेश जाने के लिए वीसा कि ज़रुरत नहीं होती होगी |

६ - यदि आपको कभी संदेह हो कि आदमी जानवर है , तो किसी बफे पार्टी में हो आइये न !

७ - जिन्हें बार - बार पेशानी पर आती लटों को समेटने की ज़रुरत पड़े , ऐसी औरतों से नारी मुक्ति आन्दोलन तो संभव नहीं है |

८ - जिसने कभी - कभी चोरी कर ली हो , झूठ बोला हो , सर से पाँव तक कपडे पहनता हो , वह गांधी के बारे में कैसे बोल सकता है ?

९ - इतना पाप तो नहीं किया होगा मैंने ! मेरी उनसे मुलाक़ात ज़रूर होनी चाहिए |

१० - अब तो मुझे यह कहने में संकोच होता / हिचक होती है कि मैंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था | इतने तो इस आशय के उन लोगों के समाचार छपते हैं अखबारों में , उनके मरणोपरांत |

११ - मैं कभी अपने को बूढ़ा नहीं देखना चाहता , इसलिए मैंने अपने आप को बड़ा भी नहीं होने दिया |

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