* एक दिल है
तुम्हे देखकर ही
धड़कता है |
* भरा जाता है
मनों में , बैठता है
नक्सलवाद |
* क्या कभी रहा
लोक में लोकतंत्र
जो अब होगा ?
* बात , उनके
कान में डालकर
मैं चला आया |
* नागरिक जी
सोच नहीं पाते हैं
सोचते तो हैं !
* स्वीकार नहीं
आपकी सारी बातें
शिरोधार्य हैं |
* सदुपयोग
धन - धान्य का करूँ
ईश्वर का भी |
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