* कहीं कुछ गोटी फिट हो जाय , किसी से प्रेम के आदान - प्रदान की स्थिति बन जाय , तो जीने का आनंद बढ़ जाता है |
* दवाओं का असर होते न देखा ,
दुआओं के लिए दर - बदर भटका |
* हमको उम्मीद नहीं है कोई ,
फिर भी तो काम किये जाते हैं |
* कौन सी आफत पडी , मत जाइए ,
आज का दिन शुभ नहीं , कल जाइये |
* भूल गया मैं सारा दुखड़ा ,
देख लिया जब उनका मुखड़ा |
* आपका , मित्र ! घर है कहाँ ?
घर में पेशाब घर है कहाँ ?
* [ ग़ज़ल पूरी करो ]
सड़कें वही हैं ,
गाड़ियाँ बढ़ी हैं |
Kunal Gauraw ना पूछो किस क़दर
दुश्वारियाँ बढ़ी हैं ।
बैठी है उनमे ,
कैसी नकचढ़ी है ![ugranath]
कितने कुचले गए ,
कहाँ किसको पड़ी है ![ugranath]
कैसी नकचढ़ी है ![ugranath]
कितने कुचले गए ,
कहाँ किसको पड़ी है ![ugranath]
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