शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

छुट्टियाँ कम से कम

६ दिस / ' जय भीम ' तो सर्वथा उचित है | वरेण्य हैं आंबेडकर जी निश्चित ही | लेकिन यह सार्वजनिक अवकाश का मामला क्या है ? क्या हम एक नई संस्कृति का विकल्प नहीं दे सकते आंबेडकर की याद या उनके सम्मान में ? हमारा आन्दोलन होना चाहिए कि सरकारी छुट्टियाँ कम से कम करके उनकी संख्या दो या तीन करो राष्ट्रीय दिवसों पर | शेष कुछ छुट्टियाँव्यक्तियों के हवाले कर दो , जिन्हें वे अपनी आवश्यकता / सुविधानुसार उपयोग कर सकें |

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