मंगलवार, 22 मई 2012

समय प्रवाह


कविता :- समय प्रवाह 

- " ज़माने की धार को 
हम रोक नहीं सकते |"
- क्या मतलब ? क्या 
उसका प्रवाह  इतना ऊपर से
इतना नीचे की ओर है
जो इतनी तेज़ है ?
- हाँ , शायद !
या ऊपर - नीचे का प्रश्न नहीं 
बस पहाड़ से 
समतल धरती की ओरे है |
हम इसके प्रवाह को रोक नहीं सकते | #

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