कविता :-
समय प्रवाह
- " ज़माने की धार को
हम रोक नहीं सकते |"
- क्या मतलब ? क्या
उसका प्रवाह इतना ऊपर से
इतना नीचे की ओर है ,
जो इतनी तेज़ है ?
- हाँ , शायद !
या ऊपर - नीचे का प्रश्न नहीं
बस पहाड़ से
समतल धरती की ओरे है |
हम इसके प्रवाह को रोक नहीं सकते | #
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