गुरुवार, 24 मई 2012

डाक्टरों की पर्चियां


कविता -
डाक्टरों की पर्चियां
कुछ दवाओं की रसीदें
मिलेंगी तुमको
सिरहाने से मेरे ,
मत खौफ़ खाना
इन्होने ने ही तो
बचायी ज़िन्दगी मेरी
अभी तक , अभी
थोड़ी देर पहले तक !

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