सोमवार, 28 मई 2012

अभारतीय समाज


अभारतीय समाज  [ कोई गर्व / गर्भ नहीं ] Non Indian Society  [गैर-हिन्दुतानी ज़मात]
   कुछ दिन पूर्व हम पति पत्नी के के अस्पताल लखनऊ एक सुदूर सम्बन्धी के नवजात पुत्र को देखने गए थे  | वहां नर्सों ने हमें नेग के लिए परेशान कर डाला | और ५०-५० रुपयों में उनका काम कहाँ चलता है ? अब यहाँ कोलकाता हम अपने पुत्र को देखने आये हैं | वह ओप्रेसन से कार्पोरेट अस्पताल कोलंबिया एसिया में पैदा हुआ है | मैंने पूछा तो पता चला एक पैसा किसी को नहीं देना पड़ा , न देने की इजाज़त थी | अस्पताल वालों ने जो भी लिया , तो वह तो वहां भी खूब लेते हैं | यह फर्क है भारतीय और विदेशी तरीके में  | पुत्री जन्म पर तो वे भी नहीं माँगते , यह एक और लैंगिक विभेद का कारण है | इसी प्रकार जो लोग गर्व से हिंदी हिन्दू हिन्दुस्तानी कहते हैं वे देश का गर्भ - नाश करते हैं | अंग्रेज़ी और उस संस्कृति का विरोध करते हैं इसलिए उनके समय की पाबंदी कर्तव्य निष्ठां, अनुशासन प्रियता  की भी नक़ल नहीं करते | इंडियन टाइम तो मशहूर है , और उस पर वे शर्म नहीं खाते | ऐसे थोड़े हिंदुस्तान गर्त में गया है और आज़ादी का कोई लाभ इसे नहीं मिला , हाँ दुरूपयोग अवश्य हुआ | तिस पर भी पता नहीं क्या है जिस पर ये गर्व करते हैं और हमारे जैसे गर्व रहित लोगों को देश द्रोही बताते हैं | इसलिए , भले हमारा काम कुछ अतिशयोक्ति हो जाता है पर हमें अभारतीय समाज बनना चाहिए - अपनी कमियों का सूक्ष्म विश्लेष्ण और त्याग करना  चाहिए न की उस पर गर्व | और इसके लिए आलोचना सहने को तैयार रहना चाहिए |

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