मंगलवार, 29 मई 2012

न आदमी, न ईश्वर


* ईश्वर नहीं है , यह तो तय है और ठीक ही है | लेकिन अब मुझे कहना पड़ेगा कि आदमी भी नहीं है | क्या आदमी के अस्तित्व का कोई प्रमाण दिखता है ? क्या यह  जो आदमी है , इसी को आदमी कहते हैं ? होने न होने के बराबर - जब इसका कोई योगदान ही जग के उत्थान में नहीं है ? इस प्रकार , तब तो ईश्वर का होना भी हमें मान लेना चाहिए - उसी प्रकार निरर्थक , अपने नाम का भार ढोता हुआ | तब पूरा वचन होगा - कि इस दुनिया में न आदमी है , न ईश्वर |

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