कविताएँ - २०/५/१२
१ - साहेब और सहिबाइन तो चले गए
सांस्कृतिक कार्यक्रम में ,
गाड़ी में बैठे , उनका इन्तज़ार करते
ड्राइवर और चपरासी ने
क्या देखा ? #
२ - वही एक स्टेज
कभी जंगल , कभी पहाड़ ,
कभी नाचघर का रूप लेता ,
कभी अट्टालिका ,
कभी गरीब का घर बनता
सब एक यही स्टेज
कई पात्र , सब अपने - अपने निर्देशक
अपना संवाद बोलते ,
भूमिका निभाते ! #
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योजना -[संस्था]
१ - नया विश्वास [ A Faith in Democracy] & / or
२ - सांस्कृतिक सरोकार [सांस] / सांस्कृतिक सरोकार दल [ सांसद ]
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