[हाइकु]
* मजबूरी है
सासुओं -ससुरों की
बहू अच्छी है !
* खिलाड़ी जन
सब बिके हुए हैं
खेल क्या देखें ?
* थोड़ी व्यवस्था
थोड़ी प्रकृति रहे
जीवन चले !
* ज्यादा खर्चा है
थोड़ा पहनने में
ज्यादा पहनें !
* कोई संतान
लायक नहीं होती
पितृ - दृष्टि में |
* इस तन में
कुछ रखा नहीं है
मैं जान गया |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें