* किसी दोस्त ने न हरगिज़ , मुझे पत्थरों ने मारा ,
* देवताओं की सभा में हम न जायेंगे ,
कहीं मनुष्य हों,कुछ जानवर हों तब तो चलो | [शेर ? ]
* [उल्था ]यूँ जिंदगी गुज़ार रहा हूँ तुम्हारे साथ ,
जैसे कोई गुनाह किये जा रहा हूँ मैं |
* मोबाईल अपने नंबर का हमेशा साथ ही रखो ,
न जाने किस घड़ी यमदूत का मिसकाल आ जाये |
* [नया ]
दिल को बहुत संभाल कर रखा था सीने में ,
कहाँ ख्याल था तुम चीर कर देखोगे इसे |
* दिखावे का रुदन है , दिखावे की हँसी है |
वह कथित लड़की किसी के प्रेम में फंसी है ||
* मैं ऐसी राह - जानिब हूँ -
कोई मंजिल नहीं जिसकी | #
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें