* "अपने आप से उलझो "
Be cantankerous with thyself
------------------------------
* क्या आपने कभी अनुभव किया है कि कभी सफाई भी अत्यंत घृणित हो सकती है ?
* मैंने एक बात ग़ौर की | पुराने ज़माने की मैं नहीं कह सकता | पर इस कालखंड में कोई किसी की सुनना नहीं चाहता , किसी से कुछ जानना -समझना-सीखना नहीं चाहता | सब केवल अपनी हाँकते हैं और अपने से ज्यादा ज्ञानी - बुद्धिमान किसी को नहीं समझते |
------------------------------
* क्या आपने कभी अनुभव किया है कि कभी सफाई भी अत्यंत घृणित हो सकती है ?
* मैंने एक बात ग़ौर की | पुराने ज़माने की मैं नहीं कह सकता | पर इस कालखंड में कोई किसी की सुनना नहीं चाहता , किसी से कुछ जानना -समझना-सीखना नहीं चाहता | सब केवल अपनी हाँकते हैं और अपने से ज्यादा ज्ञानी - बुद्धिमान किसी को नहीं समझते |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें