* देवी का चेहरा
कोलकाता में एक मुसलमान ने अपने में दुर्गा जी के चेहरे का कट आउट टांग लिया , जैसा की अमूमन बंगाली घरों में होता है | फिर क्या हुआ ? कुछ नहीं हुआ | ##
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* एक बूढ़ा , बीमार व्यक्ति राह चलते चक्कर खाकर एक किनारे सड़क पर बैठ गया | पास में ड्यूटी पर बैठे दारोगा ने उसे उठाकर अपनी कुर्सी पर बिठाया , पानी पिलाया ,और स्वस्थ होने पर वह वृद्ध चला गया | घर पहुँच कर उसने किस्सा बताया | उसे सुनकर बड़ा बेटा फ़ौरन दफ्तर के लिए रवाना हुआ | वह एस .एस. पी था | उसे इस घटना का पता आफिस में ही हो गया था और इस अपराध के लिए कि दरोगा ने अपनी सरकारी कुर्सी पर क्यों किसी को बिठाया , उसके लिए सस्पेंसन आर्डर स्टेनो को लिखा आया था | उसे वापस जो लेना था |###
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* प्रेम प्रतीक
एक विछोही , विक्षुब्ध प्रेमी एक स्त्री के साथ ,उसे अपनी प्रेमिका के प्रतीक के रूप में मान कर रहता है | रहते -रहते एक दिन उसकी असली प्रेमिका उसे मिल गयी | प्रेमी ने उसके साथ रहने से इन्कार कर दिया | बोला - अब मैं तुम्हारे प्रतीक को छोड़ नहीं सकता |##
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* वेश्या
एक व्यक्ति वेश्या के पास ५०रु व्यय कर आता है | पत्नी को बताता है |
पत्नी - ' बड़ा अनिष्ट हो गया |'
पति - हाँ ! ५० रु कोई कम थोड़े ही होते हैं |
पत्नी - नहीं , रूपये की कोई बात नहीं , क्षति तो दूसरी हुयी |
पति - अजीब बात है ! ५० रु चले गए , उसका कोई दुःख नहीं , और दो बूँद पानी का इतना मलाल , जो शाम तक पूरा हो जायगा ? कहना तो सिद्ध करके दिखा दूंगा | ##
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* दहेज़ / अजीब दकियानूस
एक व्यक्ति ने अपने पुत्र की शादी में लड़की वालों को चूस लिया | हर रस्म पर यह करो , इतना करो , करके परेशां कर डाला | वर -वधू के लिए एक कार , एक बंगला तक ले लिया | परंपरा निभाने के चक्कर में , जब कि स्वयं वह अपने पुश्तैनी घर में पुराने शहर में रहता था , और साईकिल से चलता था |
कुछ दिन बाद उसने कोलकाता में अपने मित्र के साथ रहने कि ठानी | पुत्र बधू के भाई से बोला , तुम लोग अपने घर में कीच -कीच रहते हो , मेरा घर ले लो , फैलकर आराम से रहो |
भाई बोला - बाबूजी , आपका घर कम से कम बीस लाख का ही | हम कहाँ से दे पाएंगे ? अभी बहन कि शादी का ही कर्जा चुकाना है |
बूढ़ा बोला -तुम मुझे पैसे क्यों दोगे ? अब तो तुम मेरे रिश्तेदार हुए | घर भी ले ले लो और उधार चुकाने के लिए पैसे भी मैं तुम्हे देकर जाऊंगा | ##
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* वेश्या
एक व्यक्ति वेश्या के पास ५०रु व्यय कर आता है | पत्नी को बताता है |
पत्नी - ' बड़ा अनिष्ट हो गया |'
पति - हाँ ! ५० रु कोई कम थोड़े ही होते हैं |
पत्नी - नहीं , रूपये की कोई बात नहीं , क्षति तो दूसरी हुयी |
पति - अजीब बात है ! ५० रु चले गए , उसका कोई दुःख नहीं , और दो बूँद पानी का इतना मलाल , जो शाम तक पूरा हो जायगा ? कहना तो सिद्ध करके दिखा दूंगा | ##
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* दहेज़ / अजीब दकियानूस
एक व्यक्ति ने अपने पुत्र की शादी में लड़की वालों को चूस लिया | हर रस्म पर यह करो , इतना करो , करके परेशां कर डाला | वर -वधू के लिए एक कार , एक बंगला तक ले लिया | परंपरा निभाने के चक्कर में , जब कि स्वयं वह अपने पुश्तैनी घर में पुराने शहर में रहता था , और साईकिल से चलता था |
कुछ दिन बाद उसने कोलकाता में अपने मित्र के साथ रहने कि ठानी | पुत्र बधू के भाई से बोला , तुम लोग अपने घर में कीच -कीच रहते हो , मेरा घर ले लो , फैलकर आराम से रहो |
भाई बोला - बाबूजी , आपका घर कम से कम बीस लाख का ही | हम कहाँ से दे पाएंगे ? अभी बहन कि शादी का ही कर्जा चुकाना है |
बूढ़ा बोला -तुम मुझे पैसे क्यों दोगे ? अब तो तुम मेरे रिश्तेदार हुए | घर भी ले ले लो और उधार चुकाने के लिए पैसे भी मैं तुम्हे देकर जाऊंगा | ##
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