* लेकिन वह तो
सुंदर तो है , लेकिन वह तो
मुन्दर भी है , लेकिन वह तो |
रहती तो दिल के बाहर है
अन्दर भी है , लेकिन वह तो |
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* देहाती गाना
धूप लगने लगी अब संवरिया
चलि कै छाहें में बयिठो संवरिया |
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* शेर
पता नहीं कब क्या हो जाये ?
शाम से सीधे सुब्ह हो जाये |
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* ग़ज़ल
कोई दुबिधा ग़म नहीं है ,
यही सुविधा कम नहीं है |
एक विचारक जा रहा था ,
सबसे कहता -'हम' नहीं है |
चाँद पर पानी मिला तो ,
आंख में भी कम नहीं है |
एक समंदर ह्रदय में है ,
आंख लेकिन नम नहीं है |
उनके हीरे , तेरे मोती ,
'तोष' मेरा कम नहीं है |
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