मंगलवार, 1 मार्च 2011

कुछ कथन

१ - मैं हिम्मत करके यह कहना  चाहता हूँ कि गाँधी जी गलत कहते थे | आंबेडकर जी भी गलत ही थे |
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२ - नेतागिरी  चमकानी  हो तो और बात है | लेकिन यदि देश को चमकाना हो तो वाह ! क्या बात है |
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३ - Democracy is like a religion , set of values to be followed by citizens , as well as state |

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