शुक्रवार, 4 मार्च 2011

आदमी तो हूँ

*   [शेर]

   मैं देवता नहीं हूँ मगर आदमी तो हूँ !
===============

*  गीत 

सूखे पत्ते आग बुझा क्या पायेंगे ?
भाई , कुछ तो गीलापन हो उनकी आँखों में !
वर्ना वे तो खुद ही उनके साथ जलेंगे ,
खाक भला वे देश-भला कर पाएंगे |
================

*   गीत 

अजब देश है भारत जी ,
गज़ब देश है भारत जी |

चेन - लुटेरों की प्रेयसियां 
बहुत खूब हैं भारत में 
आतंकी वीरों के घर भी 
फूल रहे है भारत में   

फिर भी अपनी शान में ऐंठे -
ऐंठे रहते भारत जी |

अजब देश है भारत जी 
============###

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें