[इन पंक्तियों पर ज्यादा ध्यान न दें |
हाइकु विधा में मैं अपना काव्य मनोरंजन करता हूँ |
जैसे मैं सुडोकु खेलता हूँ |]Numbering in reverse order=
५० - मेरा आदर्श
मेरे सामने होता
घूमूं कहीं भी |
४९ - जो दिखोगे तो
देख लिए जाओगे
बचो तो बचो !
४८ - बन जाता है
विचार का हाइकु
सरलता से |
४७ - साहित्य तो है
कुछ बाजीगरी भी
शब्दों के साथ |
४६ - नया उत्साह
प्रत्येक पल - छिन
नवीन दिन |
४५ - दुःख तो व्यक्त
करना पड़ता है
अवसरों पर |
४४ - कोई भी शय
ग़ुरबत से ज्यादा
नहीं दुखद |
४३ - मैं हरदम
मेरे सामने होता
घूमूं कहीं भी |
४९ - जो दिखोगे तो
देख लिए जाओगे
बचो तो बचो !
४८ - बन जाता है
विचार का हाइकु
सरलता से |
४७ - साहित्य तो है
कुछ बाजीगरी भी
शब्दों के साथ |
४६ - नया उत्साह
प्रत्येक पल - छिन
नवीन दिन |
४५ - दुःख तो व्यक्त
करना पड़ता है
अवसरों पर |
४४ - कोई भी शय
ग़ुरबत से ज्यादा
नहीं दुखद |
४३ - मैं हरदम
कविता करता हूँ
मैं हरदम
कविता जीता हूँ , मैं
कविता हूँ मैं
कविता करता हूँ
जीवन तो है
कविता , एक युद्ध
लड़ता हूँ मैं
खुद से कुरुक्षेत्र
बस कविता
करता जाता हूँ मैं
कविता जीता |
४२ - मुख्य धारा में
कुछ आयेंगे आप
या कुछ नहीं ?
अनुरोध उनका
आज्ञा समान
आदेश बराबर
पाप या पुन्य
उचित -अनुचित
वह जो कहें
मेरी मजाल क्या है
जो उसे टालूँ ?
४० - आशा है पर
इतनी आशा नहीं
कि कूद जाऊं |
३९ - भ्रष्ट नहीं हूँ
भ्रष्टाचार तो किया
तिस पर भी |
३८ - रहता हूँ मैं
दिन - रात निमग्न
सोच - काव्य में |
३७ - अक्खा रात तो
आँखों में काट दी , तो
दिन तो दिन !
३६ - आप की कृपा
मुझे जिंदगी मिली
आप भी जियो |
३५ - तुम हंसोगे
याद करके मेरी
छेड़खानियाँ |
कि तुमने तो खूब
गुस्सा किया था
उस दिन तो , अब
हँसोगे मेरी
बदमाशियां सोच -
सोच करके |
३४ - तो तय हुआ
आप कवि हैं , हम
कुछ नहीं हैं |
३३ - मरना क्यों है
जब तक जिंदगी
मृत्यु अचिन्त्य |
३२ - हाथों में हाथ
एक हाथ , मानो तो
दोनों के कटे [गये ]
३१ - केवल करें
जो करना है , बोलें
कुछ भी नहीं |
३० - आज का दिन
अंत नहीं , युग के
कैलेंडर का |
२९ - नर नारी के
चक्कर में न आना
व्यक्ति के आना |
२८ - सब आयेंगे
रास्ते पर तुम तो
चलो तो सही |
२७ - हिंसा न कहो
युद्ध को युद्ध कहो
'नेता' को 'गाँधी' |
२६ - खर्च करो तो
अपना कमाओ भी
बाप से न लो |
२५ - दुनिया कुछ
कहना चाहती है
हमसे , सुनें !
२४ - सब काम तो
सरकार करेगी
हम क्यों करें ?
२३ - समस्त हिन्दू
हो जाएँ सेकुलर
राज्य हो हिन्दू |
२२- मेरे रहते
तुम क्यों करते हो
भ्रष्टाचरण ?
२१ - सुंदर हो तो
नखरे भी बर्दाश्त
अन्यथा नहीं |
२० - मूर्ख न बनें
यही भर बहुत
बुद्धिमत्ता है |
१९ - कुत्ते कमीने
साले हरामजादे
दुष्ट दानव [कृतघ्न] |
१८ - पढ़े मुझको
जिसको गरज हो
दया न करे |
जो मेरी आमदनी
पर ज्यादा है |
१६ - नींद आ जाय
बिस्तर न भी मिले
तो सो जायेंगे |
बिस्तर न भी मिले
तो सो जायेंगे |
१५ - कमजोरी को
कमजोरी मान लो
तो पार लगो |
१४ - मत बोलिए
किसी के मामले में
बल न हो तो |
१३ - कम बोलना
तौलकर बोलना
मुझे चाहिए |
१२ - मैंने पा लिया
आदमी , मनुष्य है
यूरेका कहूँ ?
११ - रोजाना एक
संस्थान बनाता हूँ
रोज़ तोड़ता |
१० - पनघट की
डगर कठिन है
बहुत ज्यादा |
९ - हो सकता है
शामिल हो जाऊँ मैं
भी बाज़ार में |
८ - लफंगई से
कोई फायदा नहीं
प्रेम गंभीर |
७ - वेदों में कुछ
बिल्कुल कुछ नहीं
व्याकरण है |
६ - ज्यादा पढ़ा है
जिन्होंने , वही अच्छा
लिख पाएंगे |
५ - सुनता तो हूँ
सुनना चाहता हूँ
सबकी बात |
४ - चीर हरण
करते दिमागों का
संघटनानि |
३ - विवाद नहीं
ज्यादा बोलना नहीं
मेरा अभीष्ट |
२ - चकनाचूर
करो दंभ उसका
जो कि तुम हो |
१ - परेशान हो ?
मत परेशान हो
क्या परेशानी ?
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