उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मंगलवार, 4 अक्टूबर 2011
मोदी का अभिमान
* मोदी को अभिमान हो गया है । अपने दल के भीतर भी वह पार्टी , और अडवाणी जैसे वरिष्ट नेताओ की अव्ह्र्लना कर रहे हैं । और दल के बाहर अपने राज्य में अपनी मनमानी कर रहे हैं । अपने खिलाफ के गवाह भट्ट को जे भेज रहे हैं । जनता क्या समझ नहीं रही है ? पर जनता के महात्मा अन्ना जी क्या कर रहे हैं । वह कुछ नहीं करेंगे क्योंकि यहाँ पैसे का भ्रष्टाचार तो है नहीं ! जब की मैंने अन्ना के आन्दोलन के समय ही लिखा था कि यदि धन गया तो कुछ नहीं गया , लेकिन चरित्र खो गया तो जानो सब खो गया । नरेंद्र मोदी ने गुजरात में राष्ट्र का चरित्र खोया था और उसे वे लगातार मिटते जा रहे हैं पर अन्ना न अयोध्या अपराध पर सामने आये थे , न अब मोदी के विरोध में आ रहे हैं । इसीलिये उनकी निष्ठां संदेहास्पद है । #
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