* नक्सलवादी और उनके समर्थक बुद्धिवादी जो कथित रूप से आदिवासियों -जनजातियों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं , क्या उसी तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया करेंगे , यदि हिन्दू हिन्दुस्तान में अपने अधिकारों के लिए लादे ? [हिन्दू लड़ता दिखता है तो उसकी तो ये आलोचना करते हैं , कहते हैं ,यह बहुसंख्यक आतंकवाद है । ] अरुंधती राय भी जिस प्रकार अलगाववादी कश्मीरियों के पक्ष में हैं , उसी प्रकार हिन्दू के हिन्दू राष्ट्र वादी आन्दोलन का समर्थन करेंगी ? मुझे तो मुश्किल दिख रहा है । #
* मैंने गुजरात में मोदी की सद्भावना' पर लिखा था कि यह "सम्भावना " की धमकी है । वह दिख गयी न संजीव भट्ट की गिरफ्तारी से । अपने चाल -ढाल से ही मुझे तो मोदी जी बिल्कुल गुंडा जैसे लगते हैं , बिल्कुल बकैत । #
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