उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
मंगलवार, 4 अक्टूबर 2011
पानी क गिलास [कविता ]
* तुमने मुझे पानी का गिलास पकडाया मैंने सावधानी से तुम्हारी उँगलियाँ बचाते हुए गिलास ले लिया , बस , इतनी बात से तुम मुझसे नाराज़ हो गयी ! # ### [प्रेरित कविता ]
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